दिल पे गुज़रे हालात लिखूँ
तेरी यादों की बरसात लिखूँ
इक ख़त लिखूँ तेरे नाम का
ख़त में अपने ज़ज्बात लिखूँ
मेरी लफ़्ज़ों की तहरीर हो तुम
मैं नग्मों की बारात लिखूँ
मेरी सामो-सहर अब कटती नहीं
क्या दिन लिखूं क्या रात लिखूँ
तन्हाई तले तेरा ख्याल डसे
इक ख़त मे कैसे हर बात लिखूँ
* तहरीर -- लिखावट
*सामो-सहर -- सुबह-शाम
*सामो-सहर -- सुबह-शाम
------ शायर " अशोक "
16 comments:
Shubh kamanare
मेरी सामो-सहर अब कटती नहीं
क्या दिन लिखूं क्या रात लिखूँ
nicely written ............
बहुत अच्छा लिखा है
इक ख़त लिखूँ तेरे नाम का
ख़त में अपने ज़ज्बात लिखूँ
अच्छी रचना है...हालांकि सुधार और बेहतर किये जाने की गुंजाइश हमेशा रहती है..
शुभकामनाएं....
मेरे शायरी के ब्लॉग
जज़्बात पर भी तशरीफ़ लाईयेगा.
शायद आपको अच्छा लगे....
हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
स्वागत,
अच्छा लिखा है, आशा है आगे भी आप के लेखन से ब्लॉग जगत लभान्वित होता रहेगा ।
क्या तेरा क्या मेरा..
क्या पाना क्या खोना..,
सब ख्याल हैं बस..
इश्क और मौत से पहले के..!!
शुक्रिया दोस्तों ,
आपका स्नेह और आशीर्वाद चाहिए ||
माँ सरस्वती के आशीर्वाद से हम,
और अच्छी रचनाएं लिखने की कोशिश करेंगे !!
धन्यवाद .............
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है।
Bahut khoobasurat rachana hardik badhai sveekaren.
kam lafzo me gahrai se apni bat rakhne ki khobi najar ayi........apko badhai ho badhai
your emotions and expressions, great
very nice
अच्छी रचना है...!
हर बात सुंदर है और हर एहसास को आपने बड़ी नरमी से शब्दों में चित्रित किया है ... बधाई
तन्हाई तले तेरा ख्याल डसे
इक ख़त मे कैसे हर बात लिखूँ
vaah ..........kyaa baat kah di.
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