Wednesday, November 6, 2024

तेरी याद में दिल ये तड़पा है

 तेरी याद में दिल ये तड़पा है

तुमसे मिलने को तरसा है


फुक॔त है मंजर अश्कों का

इस बात को कब तू समझा है


रोया हूं बहुत मैं रातों को

जो जख्म दिया वह गहरा है


जब बान चली तेरी यादों की

तब इक शोला सा भड़का है


तेरी जिस्म से लिपटी खुशबू से

तन आज हमारा मेंहका है


कुछ कसक उठी है धड़कन में

मन आज हमारा बहका है


जाओगे कहां मुझसे बच के

हर और मेरा अब पहरा है

       ----- शायर 'अशोक'

Wednesday, August 28, 2024

क्या कहूं किस कदर मैं तुझसे प्यार करता हूं

बहुत दिनों बाद मैंने एक ग़ज़ल लिखी है और उसे गाया भी है 
आप लोग अवश्य पढ़ें और सुनें और पसंद आए तो सभी लोगों 
से शेयर करें, धन्यवाद 🙏

हर इक शब मै तेरा इंतजार करता हूं
क्या कहूं किस कदर मैं तुझसे प्यार करता हूं

तेरी बातों में मेरा जिक्र भी नहीं है मगर
मैं तुमसे प्यार फिर भी बेशुमार करता हूं

जमाना लाख भला तुझको फरेबी बोले
तेरी चाहत पे फिर भी एतबार करता हूं

सफर में तनहा मुझे छोड़ वो गया है मगर
कमबख्त आज भी क्यों इंतजार करता हूं

मेरी  चाहत को कभी आजमा के देख ले तू
मैं तुझ पे दिल ही नहीं, जां निसार करता हूं

                 
              शायर "अशोक"