Sunday, February 28, 2010

इक ख़त लिखूँ तेरे नाम का !!!


दिल    पे   गुज़रे   हालात  लिखूँ
तेरी   यादों    की  बरसात  लिखूँ


इक  ख़त   लिखूँ   तेरे  नाम  का
ख़त  में  अपने   ज़ज्बात   लिखूँ
 

मेरी  लफ़्ज़ों   की  तहरीर हो तुम
मैं   नग्मों    की   बारात   लिखूँ


मेरी सामो-सहर अब कटती नहीं
क्या दिन लिखूं   क्या रात लिखूँ


तन्हाई तले     तेरा  ख्याल  डसे
इक ख़त मे   कैसे हर बात लिखूँ 


* तहरीर -- लिखावट
*सामो-सहर -- सुबह-शाम 


      
------  शायर  " अशोक "