नव वर्ष संवत २०६६ के पावन अवसर पर ,
नव युवक ट्रस्ट समिति ( मुजफ्फरपुर )
द्वारा आयोजित कवि सम्मलेन में ,
मेरे द्वारा प्रस्तुत की गई रचना ||
दोस्तों यह रचना ,
http://views24hours.com/news.php?id=574&mid=10&sms_
पर प्रकाशित हो चुकी है ||
आडवाणी जी मंदिर बनवाओगे कब तक
हिन्दुओं को यूँ ही बहलाओगे कब तक
देश की जनता इतनी नादां नहीं है
तुम अपनी रोटी पकाओगे कब तक
मनमोहन जी कुछ अपनी मन की भी कर लो
सोनिया जी की गाड़ी चलाओगे कब तक
पवार जी आपकी हर पोल है खुल चुकी
जनता कों चीनी खिलाओगे कब तक
चिदंबरम जी जनता जवाब चाहती है
आतंकवाद को जड़ से मिटाओगे कब तक
परनब बाबू अर्थवयवस्था का गुणगान करते हो
मंहगाई पर लगाम लगाओगे कब तक
माया जी आप मूर्तियों की बहुत प्रेमी हो
हाथियों की मूर्तियाँ बनवाओगे कब तक
ममता जी और लालू जी रेल के अखाड़े में
लाभ-हानि का किस्सा सुनाओगे कब तक
नितीश जी आप बात करते हो सुशासन की
बिहार से अफसरसाही मिटाओगे कब तक
पासवान जी आप गीत गाते रह गए अल्पसंख्यक की
अल्पमत की मार खुद खाओगे कब तक
इक सवाल "अशोक" देश की जनता से पूछता है
तुम लुटेरों को नेता बनाओगे कब तक
......... शायर " अशोक "
24 comments:
Nice for Leader's!!!!!!
इक सवाल "अशोक" देश की जनता से पूछता है
तुम लुटेरों को नेता बनाओगे कब तक
bahut khoob ashok ji...
बहुत सुन्दर
सार्थक एवं समसामयिक व्यंग्य से ओत-प्रोत रचना
देश सोनिया जी की गाडी नहीं है
मनमोहन जी को सही सन्देश दिया
बधाई
bahut khub ashok bhai.......aap awaj uthate rahiye janta-janardan aapke saath hai.....
अभी तक हमने पढा था, राजा अशोक, आज देखा शायर भी है अशोक। बहुत बढिया लिखा है, तरकस के तीर चले हैं खूब। नेताओं को खूब लपेटा है आपने। सामयिक रचना।
बहुत उम्दा!! स्वागत है आपका!
mast hai...bahot acha likhe hai....
मित्र दिल से लिखी हुई और दिल को छूती हुई रचना कितनी संजीदे पन से आप ने नेताओं को वास्तव में शब्दों के सबालो में खड़ा किया अदभुद है
सादर
प्रवीण पथिक
9971969084
too good, attack on system/leader
beautifully written
Outstanding
मनमोहन जी कुछ अपनी मन की भी कर लो
सोनिया जी की गाड़ी चलाओगे कब तक ............
इक सवाल "अशोक" देश की जनता से पूछता है
तुम लुटेरों को नेता बनाओगे कब तक .........
एकदम यथार्थ....बहुत खूब भाईजी......
bahut khub ashok ji but in besharmo ko itne pe sharm nahi aayegi or media ke bare mein kya kahun sahi cheejen to chapne mein inki nani marti hai but valentine day ,friendship day ,thappad day ko khub promote karenge lekin bangladeshi ghuspaith samasya pe kishanganj ki itni badi ralli ki koi khabar nahi chapi any way keep it up lagey rahiye
kay khub kahi hai...
Bahut Sargarvit Rachna hai Ashok ji,
"माया जी आप मूर्तियों की बहुत प्रेमी हो
हाथियों की मूर्तियाँ बनवाओगे कब तक"
waah, bahut hi achhi rachna
बहुत खूब.....!!
विचारणीय .....उम्दा ग़ज़ल
मस्त है भाई ,
नेअताओं की वाट लग गई ||
अशोकजी आपने सादे और सीधे शब्दों में नेताओं से सवाल पूछे हैं ...इक सवाल "अशोक" देश की जनता से पूछता है
तुम लुटेरों को नेता बनाओगे कब तक ... यह पंक्ति तो आज की राजनीति का सार तत्व है
bahut accha ashok jee bahut kubh...
aapne bahut accha likha rather such likha sabko isse kuch na kuch sikh leni chahiye
do you have a better choice ?
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