ऐ बादे-सबा किस नूर को लाये हो साथ मे .... आज जीने की फिर से तमन्ना हों चली मुझको !!!!
---- शायर " अशोक " .........
मेरे दिल मे जो भी ख्याल आते हैं ,
मैं उन्हें लिख देता हूँ .....
आप अपनी कीमती टिप्पणी अवश्य दें || ...........
आपकी तारीफ़ और आलोचना ,
मुझे हमेशा सोचने और लिखने कों
प्रेरित करती है ||......
धन्यवाद .......
Sunday, July 17, 2011
कभी-कभी खामुशी भी !!!
कभी-कभी खामुशी भी बहुत कुछ कह जाती है
बंद लबों पे , दिल का हर अफसाना , आँखों की कलम से , खुली किताब की तरह लिख जाती है
आपकी नई रचना सुनने-पढ़ने के इरादे से आ गया था … :) व्यस्त होंगे … व्यस्त रहना भी चाहिए … अभी कुछ पुरानी पोस्ट्स पढ़ूंगा आपकी … ताज़ा रचनाएं अगली बार सही :)
आपने शस्वरं को अपने स्नेह और मित्रता से धन्य किया … आभारी हूं ।
13 comments:
खामोशी ही तो बोला करती है…………सुन्दर्।
kuch hum kahen kuch tum kaho,par is kadar tum khamos na raho,,,,,
jia hind jai bharat
हाँ ..... बहुत बार ऐसा होता है बहुत खुबसूरत ख़ामोशी की अभिवयक्ति.....
हाँ ..... बहुत बार ऐसा होता है बहुत खुबसूरत ख़ामोशी की अभिवयक्ति.....
achha ehsaas....sundar shabd...!!
http://teri-galatfahmi.blogspot.com/
khamoshi se badi abhivyakti kya hogi
Hi can you share some more post.you write wonderful.
कभी-कभी खामुशी भी
बहुत कुछ कह जाती है
क्या बात कही है …
शायर साहब अशोक जी
:)
सस्नेह अभिवादन !
ख़ामोशी जब बहुत कुछ कह जाए तो कोलाहल क्या कुछ नहीं कहेगा ?
♥श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई-शुभकामनाएं !
♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
khamoshi wo bayan kar jati h jo shabd nahin kar pate.....
vastav me khamoshi bina khe kuch bhut kuch kh jati.meri kvita meri aankhien me pdhe avm khamosh nazr may .ko avshay pdhen acha lgega.
शायर-ए-आज़म अशोक जी
नमस्कार !
आपकी नई रचना सुनने-पढ़ने के इरादे से आ गया था … :)
व्यस्त होंगे … व्यस्त रहना भी चाहिए …
अभी कुछ पुरानी पोस्ट्स पढ़ूंगा आपकी … ताज़ा रचनाएं अगली बार सही :)
आपने शस्वरं को अपने स्नेह और मित्रता से धन्य किया … आभारी हूं ।
हार्दिक शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार
वाह बेहतरीन !!!!
http://sanjaybhaskar.blogspot.com/
bahot khub Ghajal maza aa jae ek baar jo padh le
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